देहली गेट की एक बुजुर्ग महिला को ढकेल पर लेकर परिजन एक से दूसरे अस्पताल का चक्कर लगाते रहे। छत से गिरने के कारण महिला के सिर, पैर एवं कमर में गंभीर चोट आई थी। जिला मलखान सिंह अस्पताल के इमरजेंसी में पट्टी बांध कर जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी एवं ट्रॉमा सेंटर वालों ने ध्यान नहीं दिया तो परिजन मरीज को लेकर प्राइवेट अस्पताल में चले गए।
देहली गेट की रज्जोदेवी (60 वर्ष) पत्नि गोवर्धन होली के कार्यक्रम के दौरान घर के छत से गिर गईं। उनके सिर, पैर एवं कमर में गंभीर चोट आई। परिजन उन्हें लेकर जिला मलखान सिंह अस्पताल में पहुंचे तो पट्टी बांधकर जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। आरोप है कि जब जेएन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी एवं ट्रॉमा सेंटर पहुंचे तो हड्डी के डॉक्टर न होने एवं भीड़ का हवाला देकर तीमारदारों को टरकाया गया। रज्जोदेवी के नाती महेश कुमार ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा कि यहां समय लगेगा।
उन्हें मरीज को लेकर जाना है तो चले जाएं। उसके बाद वे लोग मरीज को लेकर प्राइवेट अस्पताल चले आए। महेश का कहना है कि उनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, लेकिन करीब 10-11 साल पहले का बना स्वास्थ्य बीमा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिला का स्कैन एवं अन्य जांच में भी काफी रुपये खर्च हो रहे हैं। जिला मलखान सिंह अस्पताल के सीएमएस डॉ. रामकिशन ने बताया कि हेड या स्पाइनल इंजरी होने पर चिकित्सक ने बेहतर उपचार के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया होगा। यहां उपचार संभव होता तो जरूर करते।